2007 से भित्ती पत्रिका ‘बयान’ का आरम्भ, बारह फुट ऊँचे होर्डिंग पर प्रतिमाह कविता प्रस्तुति, जो मूलतः संग्रहालय में सुरक्षित है और संग्रहालय की अभिनव परम्परा ‘बुके नहीं, बुक दें’ आरम्भ, जिसमें संग्रहालय के अतिथियों का स्वागत ‘पुस्तक और पुष्प’ से किया जाता है.